इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले उतना बेहतर नहीं रहा. 80 सीटों में से पार्टी ने 33 सीट हासिल की. जिसके बाद पार्टी की हार को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों लगातार बैठकें कर रहे हैं. विधायकों और सांसदों की मीटिंग में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर चर्चा होती है. एक तरह से इसे समीक्षा बैठक समझिए. हर दिन सीएम योगी के घर पर किसी न किसी मंडल के जन प्रतिनिधियों की मीटिंग होती है.
योगी आदित्यनाथ के घर पर बुधवार को लखनऊ मंडल की मीटिंग हुई. इसमें लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव जैसे लोकसभा क्षेत्र के नेताओं को बुलाया गया था. इस बैठक में बीजेपी के खराब नतीजे को लेकर लंबी चर्चा हुई. अब तक यूपी के सात मंडलों की मीटिंग हो चुकी है.
हार की वजह पर हुई चर्चा
झांसी मंडल में बीजेपी इस बार लोकसभा की चार में से तीन सीटें हार गई. बांदा, हमीरपुर और जालौन समाजवादी पार्टी के पास चली गईं. जबकि झांसी सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रहा. साथ ही बीजेपी को बुंदेलखंड में इतने खराब नतीजे की उम्मीद नहीं थी. इसी दौरान हाल ही में एक बैठक हुई. जब मीटिंग शुरू हुई तो सीएम योगी आदित्यनाथ सांसदों और विधायकों से बोले बताइये चुनाव में हम क्यों हारे !जिस पर विधायक रश्मि आर्य ने जवाब दिया, उन्होंने कहा, अफसर हमारी सुनते ही नहीं हैं. भ्रष्टाचार बढ़ गया है. थाने और तहसील पर पैसा दिए बिना काम नहीं होता है.
इसी दौरान विधायक रश्मि आर्य अभी बोल ही रही थीं कि सीएम योगी ने उन्हें टोका. योगी आदित्यनाथ ने कहा आपके पास अपनी इन बातों का कोई साक्ष्य या सबूत है ! अगर किसी अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत है तो सबूत दीजिए. हम उस पर कठोर कार्रवाई करेंगे. बिना साक्ष्य के ऐसा कहना उचित नहीं है. योगी आदित्यनाथ के इतना कहते ही बैठक में सन्नाटा पसर गया. सब एक दूसरे का मुंह देखने लगे. अपना दल की विधायक रश्मि आर्य भी चुप हो गईं. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल के यूपी में 13 विधायक हैं.
नेताओं ने रखी अपनी राय
फिर योगी आदित्यनाथ ने चर्चा शुरू कर दी, उन्होंने कहा, आखिर इस बार ऐसा क्या हुआ कि कम वोट मिले. जितने नेता, उतनी ही बातें. किसी ने कहा पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. अगर टिकट बदल दिया गया होता तो शायद नतीजे कुछ और होते. एक ने तो कहा उम्मीदवारों के बीच सीटों की अदला बदली भी हो जाती तो एक दो सीट तो जीत लेते. एक विधायक ने कहा चुनाव हम ठीक से नहीं लड़ पाए. प्रचार से लेकर बूथ मैनेजमेंट तक सब गड़बड़ रहा. एक नेता ने कहा पिछड़े और दलितों में ये मैसेज चला गया कि आरक्षण समाप्त होने वाला है. योगी आदित्यनाथ सबकी बातें चुपचाप सुनते रहे.
सीएम योगी ने बताई हार की वजह
मीटिंग में एक-एक कर सभी विधायकों ने अपनी-अपनी राय रखी. जब सब बोल लिए तो सबसे आखिर में योगी आदित्यनाथ की बारी आई. उन्होंने जो कहा वो सुन कर सबके चेहरों की हवाइयां उड़ गई. उन्होंने कहा हमारी पार्टी के नेता और जन प्रतिनिधि जमीन से कट गए हैं. वो जनता से दूर चले गए हैं इसीलिए चुनाव में हमारा ये हाल हुआ.
‘विधानसभा चुनाव जीतेंगे’
सीएम योगी ने कहा जो नेता लोगों के बीच रहा वो सब चुनाव जीतने में कामयाब रहे. साथ ही उन्होंने बैठक में मौजूद सभी नेताओं को सरकार का काम काज हर परिवार तक पहुंचाने को कहा. सीएम योगी ने नेताओं से कहा आप अपना काम करते रहिए और उसका प्रचार भी जरूरी है. अगर आप ये काम करते रहे तो विधानसभा चुनाव हम फिर जीत लेंगे.